
भारतीय राजनीति में जब भी नेताओं को जनता की जरूरत वोट बैंक के लिए पड़ती है तो वह हमेशा दो ही समाज के लोगों से जुड़ा होता है, किसान और नौजवान। किसान से जुड़ा मुद्दा साल भर चलता है पर जब बात युवाओं से जुड़े मुद्दों की बात चुनावों के शुरू होने के साथ शुरू हो जाता है और चुनाव खत्म होते ही खत्म हो जाता है। जिनमें बेरोजगारी जैसे मुद्दे आते हैं। पर बात जब युवाओं को राजनीति से जोड़ने की आती है तो वह उन्हें मौका देने से कतराते हैं। युवाओं को अगर मौका दिया भी जाये तो उनका साथ नहीं दिया जाता। इसीलिए राजनीति में 32% आरक्षण की मांग करते हुए प्रेसिडेंट रूद्र प्रताप सिंह ने Iyuva संगठन की शुरूआत की है। जिसके जरिये वह चाहते हैं कि देश के युवा अपनी जिम्मेदारी समझें और देश के भविष्य को संवारने में अपना योगदान दें।