
शिवपुराण के अनुसार भगवान सदाशिव और पराशक्ति अम्बिका से ही भगवान शंकर की उत्पत्ति मानी गई है। उस अम्बिका को प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेवजननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसी कारण उन्हें ‘आदिदेव’ के नाम से भी पुकारा जाता है। ‘आदि’ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम ‘आदिश’ भी है। पर अगर वर्तमान समय में राजनीति में अगर किसी को अकेले खड़ा किया जाए तो वह प्रचार या प्रसार के लिए ही क्यों खड़ा हो? देश की राजनीति में युवाओं को भी चुनावों में ऐसे ही प्रचार-प्रसार के लिए खड़ा किया जाता है। इसी चली आ रही सोच और परम्परा को बदलने के लिए जरूरी है कि युवाओं को एक मौका दिया जाए राजनीति में आने का। इसीलिए अब युवाओं को राजनीति में 32% आरक्षण दिलाने की Iyuva ने मांग की है। जिसका उद्देश्य युवाओं को राजनीति में लाना है और देश के भविष्य को उज्जवल बनाना है।