
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को बहादुरी सम्मान कई जवानों और शहीद जवानों की पत्नियों को मेडल देकर सम्मानित किया। इसमें जम्मू-कश्मीर के रहने वाले एक 14 वर्षीय एक लड़के को भी सम्मानित किया। इरफान रमज़ान शेख को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। इरफान ने वर्ष 2017 में 14 साल की उम्र में उसके घर पर तीन आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले को नाकाम किया था। पर क्या सिर्फ शौर्य चक्र के ही लायक है देश के युवा? देश के युवा हर तरह से कोशिश करते हैं कि वह देश को सम्मान और ग्रव का एहसास कराए। पर क्या देश का कोई बुजुर्ग नेता ऐसा चाहता है? नहीं, देश के बुजुर्ग नेता अपनी राजनीति में लगे रहते हैं। क्या फायदा ऐसी राजनीति का? इसीलिए देश की गंदी राजनीति को बदलने के लिए युवाओं को राजनीति में आना चाहिए। जिस तरह युवा भारत को विदेशों में गर्व का एहसास कराते हैं वह भारतीय राजनीति में आकर देश की जनता के दिल में राजनीति के मायने बदल दें। जिसके लिए Iyuva मांग करता है कि देश की राजनीति में युवाओं को 32% आरक्षण मिलें। जिससे राजनीति के नए मायने लोगों के सामने आएं और आने वाली पीढ़ी के लिए एक नई सोच वाली राजनीति का निर्माण करें।