देश के आदिवासी समुदाय की महिलाओं में भी नहीं हुनर की कमी

देश के आदिवासी समुदाय की महिलाओं में भी नहीं हुनर की कमी

छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासी समुदाय की महिलाओं के समूह मां दंतेश्वरी हर्बल प्रोडक्ट महिला ने हर्बल चाय की खेती करके अपनी अलग पहचान बनाई है। इन महिलाओं ने सिर्फ देश में ही नहीं विदेश में अपनी पहुंच बनाई। जी हां, बस्तर की हर्बल टी हॉलैंड और जर्मनी आदि देशों तक अपनी पैठ बना चुकी है। इतना ही नहीं, 12 रोगों के लिए यह चाय रामबाण औषधि भी है। डब्ल्यूएचओ ने इसे प्रमाणित किया है। इस चाय की खेती ने सैकड़ों आदिवासी महिलाओं की जिंदगी बदल दी है। आज उन्हें पाई-पाई को मोहताज नहीं होना पड़ता।
ऐसी हैं हमारे समाज की महिलाएं जो अपने देश का नाम विदेशों में भी रोशन कर रहीं हैं। हमारे देश में सिर्फ पुरूष ही नहीं महिलाएं भी अलग-2 क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रहीं है। ऐसा ही हुनर रखने वाली और राजनीति में रूचि रखने वाली महिलाओं को अगर देश की सत्ता संभालने की जिम्मेदारी दी जाए तो वह उसे बाखूबी निभा सकती हैं। यही कोशिश है Iyuva की, जो देश की राजनीति में युवाओं को अधिक भागीदार बनाना चाहता है साथ ही राजनीति में 32% आरक्षण दिलाना चाहता है।

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