लोकसभा चुनाव: क्या पक्ष-विपक्ष की राजनीति से होगा देश का विकास?

लोकसभा चुनाव: क्या पक्ष-विपक्ष की राजनीति से होगा देश का विकास?

जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव 2019 के विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के चुनाव आयोग के फैसले पर विवाद शुरूआत हो गयी है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती और नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।मायावती ने कहा है कि यह मोदी सरकार की कश्मीर नीति की विफलता की निशानी है। वहीं, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब सभी दल चाहते हैं कि चुनाव हो तो फिर लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव क्यों नहीं हो सकते। देश की राजनीति में क्या चुनावों की शुरूआत होना विवाद शुरी होने के बराबर हो गया। राजनेता छोटी-छोटी बातों पर विपक्ष पर सवाल खड़ा कर देते हैं। क्या यही है देश की राजनीति? जो चुनावों की शुरूआत हो या अंत? उन्हें बस राजनीति से मतलब रह गया है। इसलिए जरूरी हो गया है कि एक नई सरकार, नई राजनीति का विकास हो। जो देश में पक्ष-विपक्ष की राजनीति से हटकर देश के लिए काम करें न कि गंदी राजनीति में उलझकर रह जाए। और Iyuva इसी एजेंडा के साथ देश की राजनीति में युवाओं के लिए 32% आरक्षण की मांग करता है, जिससे देश को नई सोच के साथ-साथ नया भविष्य मिल सके।

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