क्या सिर्फ देश के लिए लड़ने और मरने के लिए है युवा?

क्या सिर्फ देश के लिए लड़ने और मरने के लिए है युवा?

देश में पाकिस्तान में बंदी बनाए गए विंग कमांडर अभिनंदन के शुक्रवार को भारत लौटेंने पर जहां युवाओं के साथ लोगों ने उनके स्वागत के लिए वाघा बॉर्डर पर ढोल-नगाड़े, पोस्टर और हार-फूल लेकर पहुंचे गए हैं। वहीं अभिनंदन के माता-पिता भी उन्हें लेने वाघा बॉर्डर पहुंचे जहां लोगों ने दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान से उतरते वक्त लोगों ने उनका ताली बजाकर स्वागत किया।
लोग जहां देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाले जवानों का आदर और सम्मान करते हैं पर जहां बात युवाओं को देश की राजनीति में हिस्सेदारी देने की आती है तो लोग वही जिम्मेदारी 50 साल से उम्र के लोगों को दे देते हैं। साथ ही युवाओं को जिम्मेदारी देने के काबिल नही समझते। इसी सोच के खिलाफ Iyuva संगठन ने एक मुहिम शुरू की है जिसके तहत वह युवाओं का राजनीति में 32% आरक्षण चाहती है। जिसके लिए वह चाहते है कि देश के युवा इस मुहिम में उनका साथ दें। जिससे युवाओं को राजनीति में उनका हक मिल सकें।

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