
आज समाज में महिलाओं की स्थिति में पहले के मुकाबले काफी सुधार देखने को मिलता है। जहां एक तरफ महिलाओं के साथ हिंसा के मामले सुनने को मिलते है तो वहीं दूसरी तरफ उनको सम्मान दिया जाता है। इन्हीं में से एक इंजीनियरिंग लड़की प्रवीण कौर है, जिसे हरियाण में कैथल के ककराला कुचिया गांव की सरपंच बनाया गया। नौकरी छोड़कर उसने जब सरपंची की राह पकड़ी तो गांव विकास की ओर बढ़ चला। गांव वालों ने उसे सर्वसम्मति से अपना मुखिया चुना तो बिटिया ने भी बेहतर काम कर दिखाया। यह है हमारे देश की लड़कियां। जब एक लड़की गांव का विकास कर सकती है तो सोचो अगर पूरे देश की बागडोर इस युवा पीढ़ी के हाथ में आ जाए तो देश किस मुकाम पर होगा। इस युवा पीढ़ी को राजनीति में लाने की जरूरत है। ताकी देश का विकास सही दिशा में हो सके। साथ ही युवाओं को राजनीति में 32% आरक्षण दिलाने के लिए Iyuva ने पहल की है। जिसमें युवाओं का साथ होना जरूरी है तभी सही मायनों में देश का विकास हो पाएगा।