राजनिति में युवाओं के 32% आरक्षण के सवाल पर फिल्म क्यों नहीं?
पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकवादियों की ओर से सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। वहीं भारत ने इसका सबक सिखाते हुए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी थी। अब इसी घटना को बड़े पर्दे पर उतारने के लिए संजय लीला भंसाली और भूषण कुमार जैसे बड़े नाम जुड़ गए हैं। पर क्या राजनीति में युवाओं के होने के विषय पर कोई फिल्म बनी है। और अगर बनी भी है तो क्या देश के लोगों ने इस मुद्दे पर गौर किया है। ऐसा क्यों ? इसी सवाल को लेकर …
भोले के रंग में डूबा आज का युवा…
शिवपुराण के अनुसार भगवान सदाशिव और पराशक्ति अम्बिका से ही भगवान शंकर की उत्पत्ति मानी गई है। उस अम्बिका को प्रकृति, सर्वेश्वरी, त्रिदेवजननी (ब्रह्मा, विष्णु और महेश की माता), नित्या और मूल कारण भी कहते हैं। सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसी कारण उन्हें ‘आदिदेव’ के नाम से भी पुकारा जाता है। ‘आदि’ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक नाम ‘आदिश’ भी है। पर अगर वर्तमान समय में राजनीति में अगर किसी को अकेले खड़ा किया जाए तो वह प्रचार या प्रसार के लिए ही क्यों खड़ा हो? देश की …
21वीं सदी की युवा पीढ़ी पर टिकी भारत की उम्मीदें
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के युवा वर्ग को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि उनकी सरकार ने युवाओं को ध्यान में रखकर कौशल विकास और स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित किया है। कोविंद ने संसद के बजट सत्र के शुरू होने पर दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है, 21वीं सदी का युवा भारत की उम्मीदें मुझे और मेरे निर्णयों को प्रेरित करते रहें हैं। युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार से युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। वहीं अब बात …
राष्ट्रीय अखंडता के लिए युवाओं के हाथ में हो देश की बागडोर
भारत एक विशाल देश है। जहां सभी जाति-प्रजाति के लोग रहते हैं। सबको एकजुट रहने के संदेश दिए जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी जगह-जगह दंगे फसाद होते ही रहते हैं। जिससे देश की अखंडता भंग होती है। साथ ही लोगों के बीच मन-मुटाव होने लग जाते हैं। जिसको देखते हुए हमें राष्ट्रीय अखंडता के रास्ते में आने वाली बाधाओं जैसे कि राष्ट्रीय रूढ़िवाद, क्षेत्रीयवाद, जातीयता, जातिवाद और सांप्रदायिकता की शाक्तियों का मुकाबला करने की आवश्यकता है। जिसको सिर्फ युवा पीढ़ी की समझदारी या कहें कि हिस्सेदारी से ही सुलझाया जा सकता है। साथ ही राष्ट्र की प्रगति के लिए …
देश की राजनीति में युवाओं को क्यों समझा जाता है अनुभवहीन?
देश में युवा सर्वोपरि है तो वहीं दूसरी तरफ उसे कमजोर और अनुभवहीन समझा जाता है। लेकिन एक युवा ही है जो देश के लिए कुछ कर गुजरने की हिम्मत रखता है। देश के हालातों को देखकर इस बात को नकारा नही जा सकता हम सभी जानते है कि देश में युवाओं के जज्बे और हिम्मत को कितना सराहा जा रहा है। साथ ही पाक की गिरफ्त से वापस आये वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का भी भारत में बड़े सम्मान के साथ स्वागत किया गया और इसमें भी सबसे आगे युवा वर्ग का बड़ हिस्सा शामिल था। साथ …
मंहगाई के बीच क्यों फंसता चला जा रहा युवा वर्ग?
पेट्रोल और डीजल की कीमतों बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 8 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ जबकि डीजल की कीमतों में 12 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा उन लोगों पर पड़ रहा जो रोजाना सफर करते हैं । जिनमें सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग आते हैं। जिन्हें रोजाना मंहगाई जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है पर वह इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते। उनका मानना है कि राजनीति में आने से वह भ्रष्टाचार, बेरोजगारी वाले मसलों में फंस जायेंगे और अपने भविष्य की तरफ ध्यान नहीं …
भ्रष्टाचार रोकने के लिए युवाओं को राजनीति में लाना हुआ जरूरी?
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ न केवल पाकिस्तान में कार्रवाई की है बल्कि देश में भी आतंक को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए पहले तो गुरुवार को केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी के इस संगठन पर बैन लगाया और फिर जमात के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। जिसमें कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटी प्रिवेन्शन ऐक्ट) के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले श्रीनगर में …
देश की राजनीति में वंशवाद क्यों अपने पैर-पसार रहा?
हमारे देश में वैसे तो बहुत सी चीजों में राजनीति खेली जाती है। लेकिन यहां अहम मुद्दा राजनीति का ही है। लोग राजनीति में ही रहकर राजनीति खेलते हैं। कहने का मतलब है कि राजनीति में किसी ऐसे व्यकित को नही चुना जाता जो राजनीति में रूचि तो रखता है। लेकिन राजनीति में किसी से अच्छे संबन्ध नही हैं। बल्कि ऐसे व्यकित को चुना जाता है जो पहले से किसी पद पर स्थित व्यक्ति के घर से हो या नाते-रिश्तेदार में से हो। साफ शब्दों में कहे तो राजनीति में वंशवाद का ही बोलबाला है। जबकि युवाओं के देश में …
युवाओं के राजनीति में आरक्षण के सवाल पर बॉलीवुड का साथ क्यों नहीं ?
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान ने ऐलान के बाद भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन को रिहा किया गया। अभिनंदन की रिहाई और भारत वापसी की खबर से हर तरफ खुशी दिखाई दे रही है। इस खुशी का इजहार बॉलीवुड में भी देखने को मिला। अभिनंदन की वापसी पर बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और मथुरा से बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी ने अभिनंदन की रिहाई पर खुशी जताई। लेकिन क्या यह खुशी युवाओं के राजनीति मे भाग लेने के मामले में भी दिखाई क्यों नहीं देती। एक तरफ जवान देश की सुरक्षा के लिए लड़ते …
देश की प्रगति के लिए युवाओं का योगदान जरूरी
भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन बस कुछ ही देर मे वतन वापसी कर रहे हैं और उनके स्वागत के लिए वाघा बॉर्डर पर हजारों लोग नजर आ रहे हैं। अगर सरहद पर सुरक्षा के लिए तैनात जवान के स्वागत के लिए भीड उमड़ पड़ी है तो राजनीती मे स्वागत के लिए इतना हुजुम क्यों नही। आखिर क्या भारत के संविधान में सिर्फ युवा ही बलिदान देते रहेगें। क्या राजनीति में आरक्षण मिलना युवाओं का हक नहीं है। इसी हक के लिए Iyuva ने राजनीति में 32% आरक्षण की मांग की है। जिनका उद्देश्य युवाओं को राजनीति में हिस्सा दिलाना …