परिवारवाद खत्म करके युवाओं को राजनीति में लाने की है जरूरत

परिवारवाद खत्म करके युवाओं को राजनीति में लाने की है जरूरत

पूर्व भारत के प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के दोनों पोतों- निखिल कुमारस्वामी को मांड्या और प्रज्वल रेवन्ना को हासन सीट से लोकसभा का टिकट दिया गया है। इसके बाद देवगौड़ा पर परिवारवाद का आरोप लग रहा है। हासन में एक रैली को संबोधित करते हुए देवगौड़ा ने कहा कि चन्नकेशव भगवान और आपके आशीर्वाद से मैंने हासन से प्रज्वल रेवन्ना को मैदान में उतारा है। जिससे परिवारवाद की परम्परा सामने दिखती है। राजनीति में परिवारवाद की परम्परा बढ़ती नजर आ रही है । चाहे वह राहुल गांधी हो या राजनीति में करियर की शुरूआत करने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अपनी खानदानी परम्परा अपनाते हुए राजनीति में कदम रखा है। क्यों परिवारवाद खत्म नहीं हो रहा? इसकी एक वजह है युवाओं को मौका न देना। देश में युवाओं को मौका देने की जरूरत है। जिससे देश में परिवारवाद जैसी चीजें खत्म हो सकें। और एक नई राजनीति की शुरूआत हो सकें। जिसके लिए Iyuva प्रयास कर रहा है। Iyuva मांग करता है की देश में युवाओं को राजनीति में एक मौका मिले और राजनीति में 32% आरक्षण मिलें। जिससे देश में नई सोच के साथ एक एक नई राजनीति की शुरूआत हो सके।

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