कब तक अयोध्या विवाद में उलझकर रह जाएगी देश की राजनीति

कब तक अयोध्या विवाद में उलझकर रह जाएगी देश की राजनीति

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोध्या विवाद को लेकर सर्वमान्य समाधान के लिए मध्यस्थता का रास्ता अपनाते हुए रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह की अगुवाई में तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी गठित की है। जिसमें श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आपत्ति से अब राजनीति शुरू हो गई है।
क्या देश के नेता और लोग मंदिर पर भी राजनीति करना नही छोड़ सकते? देश की राजनीतिक पार्टियां हर मसले को एक राजनीति रूप देने में क्यों लग जाते हैं। इसीलिए जरूरी हो गया है कि अब देश की राजनीति में बदलाव आए और मौका मिले देश के युवाओं को जो कॉलेज की सिर्फ छात्र राजनीति से ही जुड़ रहते हैं। उन्हें एक मौका मिलना चाहिए। जिससे वह देश में एक साफ और स्पष्ट राजनीति का निर्माण कर सकें। जिसमें अपना योगदान Iyuva दे रहा है। Iyuva देश की राजनीति में युवाओं के लिए 32% आरक्षण की मांग कर रहा है। जिसका उद्देश्य राजनीति से युवाओं को जोड़कर देश का विकास करना है।

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