अपना रास्ता भटकते कश्मीरी युवा

अपना रास्ता भटकते कश्मीरी युवा

देश के हालात इस वक्त नाजुक पड़ाव पर हैं। अब तक कई भारतीय जवान शहीद हो चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खात्मे को लेकर सुरक्षाबलों की तरफ से चलाया जा रहा अभियान भी जारी है। जिसमें मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। जो हिजबुल मुजाहिदिनी आतंकी संगठन से जुड़े हुए थे।

साथ ही बात करें कश्मीरी युवा की तो वह अपना रास्ता भटकता जा रहा है जिसमें उनका साथ आतंकी संगठन दे रहे हैं। उन्हें उनकी राह से भटका रहें है। बता दें साल 2018 में सुरक्षा एजेंसियों को घाटी के करीब 45 युवाओं के आतंकी संगठनों में शामिल होने की खबर मिली थी। जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े मुख्य अधिकारियों के मुताबिक साल 2018 में दक्षिण कश्मीर के कई जिलों के युवा आतंकी संगठनों में शामिल हुए थे। इससे पहले भी कई युवाओं की आतंकवादी संगठन में शामिल होने की खबर मिली है तो यहां ये बात तो साफ है कि कश्मीरी युवा सालों से आतंक का शिकार बना हुआ है। जब-जब कश्मीर में कोई दंगे फसाद होते हैं तो सबसे आगे वहां के युवा हाथ में पत्थर लिए दिखाई देते हैं। कहने का मतलब साफ है कि युवा अपना लक्ष्य खोते जा रहे हैं। युवाओं को उनकी सही राह दिखाने के लिए उन्हें राजनीति में लाना जरूरी हो गया है ताकि वह देश को समझे और देश के भविष्य के लिए कार्य कर सकें। इसीलिए Iyuva युवाओं को राजनीति में लाने और उनका भविष्य सुधारने के लिए राजनीति में 32% आरक्षण की मांग करता है। जिससे युवा अपना भविष्य खुद तय कर सकें।

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