
लोकसभा चुनावों में इस बार भाजपा ने युवाओं को टिकिट देने के बारे में विचार किया है। इस बात को सुनने के बाद युवा मोर्चा के पदाधिकारी कमर कसते हुए सक्रिय हो गए हैं। इनमें से कुछ युवा केरल में पार्टी का खाता खोलने की तैयारी कर रहे हैं, तो कुछ पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में पार्टी को बढ़त दिलाने के लिए।
यह है युवाओं का जोश। अगर युवाओं को मौका दिया जाता है तो वह कहीं भी पीछे नहीं हटते। भाजपा की रणनीति युवाओं को महत्व देकर पहली और दूसरी बार वोट डालने वाले करीब 15 करोड़ वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की है। यही रणनीति दूसरी पार्टियों को भी अपनानी चाहिए। ताकि सभी पार्टी के कार्यकार्ताओं को भी मौका मिले। साथ ही युवा वर्ग को अलग से चुनाव लड़ने के लिए 32% आरक्षण देना चाहिए। जिसकी मांग Iyuva ने उठाई है जिसका मकसद सिर्फ युवाओं को उनका हक दिलाना है। जिसमें सभी युवाओं का साथ होना जरूरी है।