
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ न केवल पाकिस्तान में कार्रवाई की है बल्कि देश में भी आतंक को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ा ऐक्शन लेते हुए पहले तो गुरुवार को केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी के इस संगठन पर बैन लगाया और फिर जमात के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। जिसमें कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही उनके खिलाफ UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटी प्रिवेन्शन ऐक्ट) के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं, रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले श्रीनगर में संगठन के 70 बैंक अकाउंट्स को सील कर दिया गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि यह कार्रवाई चुनावी दौर शुरू होने से पहले होना जरूरी है।
देश में राजनीति सालों से चली आ रही है पर क्या भ्रष्टाचार, आतंकवाद और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर काम चुनावों के नजदीक आते ही क्यों शुरू किया जाते हैं? जिसमें युवाओं को भागीदार बनाया जाता हैं। युवाओं को प्रचार-प्रसार का साधन बनने से रोकने के लिए ही युवा सरकार को गठन किया जाना चाहिए। जिससे वह युवाओं को प्रचार-प्रसार का साधन बनने की बजाय युवाओं को एक सही रास्ते पर ले जायें। और यह उद्देश्य Iyuva संगठन का भी है। जो युवाओं को राजनीति में 32% आरक्षण दिलाना चाहते है। जिससे वह देश के विकास और उज्जवल भविष्य में अपना योगदान दे सकें।