आतंकवाद के मुद्दे के साथ युवाओं के राजनीति में आरक्षण के मुद्दे पर जोर क्यों नहीं?

आतंकवाद के मुद्दे के साथ युवाओं के राजनीति में आरक्षण के मुद्दे पर जोर क्यों नहीं?

दुनिया में आतंकवाद को खत्म करने के लिए हर एक देश कोशिश कर रहा है। जिसमें भारत बढ़चढ़ कर आगे आ रहा है। इसी तरफ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त अरब अमीरात में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंक का मुद्दा उठा सकती है। सुषमा स्वराज एक मार्च को अबू धाबी में बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्मानित अतिथि के रूप में संबोधित करेंगी।
देश की राजनीति से जुड़े लोग आतंकवाद के मुद्दों पर एक साथ आकर कदम उठाते हैं तो देश की राजनीति के सवाल पर वही लोग चुप क्यों बैठ जाते हैं? राजनीति से जुड़े 50 वर्ष से ज्यादा के लोग युवाओं के लिए चुनावों में कई तरह के मुद्दे उठाते हैं पर युवाओ के राजनीति के सवाल पर कोई कुछ नहीं कहता। इसीलिए Iyuva युवाओं के राजनीति में 32% आरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। जिसका एकमात्र उद्देश्य युवाओं को राजनीति में उनका हक दिलाना है। जिससे वह देश का भविष्य सुधारने में एक जरिया बन सकें।

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