
लोकसभा चुनावों की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रखा है कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हाथ मिला लें तो बीजेपी को हराया जा सकता है। ये अलग बात है कि उनकी विनती दिल्ली के लिए नहीं बल्कि हरियाणा के लिए थी लेकिन इसके मायने गंभीर हैं। जिसको लेकर सभी लोग ताज्जुब भी है क्योंकि अभी हाल में दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने दो टूक कह दिया कि आम आदमी पार्टी से कोई अलायंस नहीं होगा। इसके बावजूद भी अरविंद केजरीवाल ने यह प्रस्ताव रखा। अब सवाल यह है कि जब राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने के लिए आपस में गठबंधन कर सकती हैं, तो युवाओं को राजनीति में लाने के लिए इस तरह का प्रस्ताव क्यों नहीं रखा जाता? क्या हमारी युवा पीढ़ी को देश के लिए कुछ करने की जरूरत नहीं है? अगर इसी तरह आपस में एकजुट होकर राजनीति में युवाओं की भागीदारी अधिक होने का प्रस्ताव संसद में रखा जाए तो समाज में युवा पीढ़ी की नई सूझबूझ से बड़ा बदलाव आ सकता है। जिसके लिए कदम बढ़ाए हैं Iyuva ने, जिसका मकसद राजनीति में युवाओं को 32% आरक्षण दिलाने की मांग करना है। इसमें युवाओं को भी आगे आकर अपना योगदान देना चाहिए।